जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि कई इंजीनियरिंग कॉलेजों और आईआइटी के पाठ्यक्रम को वर्तमान मांग के अनुरूप फिर से तैयार करने की जरूरत है। बेंगलुरु में इंडिया ग्लोबल इनोवेशन कनेक्ट (आईजीआईसी) 2024 कार्यक्रम में अमिताभ कांत ने कहा कि उद्योग की मांग और उपलब्ध टैलेंट पूल (योग्य उम्मीदवारों की उपलब्धता) के बीच की खाई को पाटने और भारत में कुशल इंजीनियरों की संख्या बढ़ाने की तत्काल जरूरत है।अमिताभ कांत ने कहा, भारत को स्वयं को नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना होगा, जिसकी शुरुआत अनुसंधान और विकास के प्रति बदलते दृष्टिकोण से होनी चाहिए। इस तथ्य के बावजूद कि अनेक भारतीय कंपनियां अनुसंधान एवं विकास में पिछड़ रही हैं, सरकार एक लाख करोड़ रुपये के कोष की शुरुआत करके इसमें बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अगले तीन-चार महीनों में इसकी शुरुआत की जाएगी।उन्होंने कहा कि हमें आज की औद्योगिक मांगों के लिए इंजीनियरों को जल्दी से तैयार करने के लिए आईआइटी और अन्य प्रमुख संस्थानों के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को फिर से तैयार करने की आवश्यकता है।
अमिताभ कांत ने IIT पाठ्यक्रम में बदलाव की जरूरत पर दिया जोर
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