रायगढ़: रायगढ़ जिले के डभरा के आदिवासी बालक छात्रावास के छह बच्चों की एक साथ तबीयत बिगड़ने पर उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। डॉक्टरों द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद जब पता चला कि चिकन खाने से उनकी तबीयत बिगड़ी है तो आनन-फानन में सभी बच्चों को बर्ड फ्लू की आशंका के चलते रायगढ़ रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के बाद बच्चों की तबीयत में सुधार बताया जा रहा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सक्ती जिले के डभरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कमलाझर स्थित आदिवासी छात्रावास में प्राइमरी से लेकर मिडिल स्कूल तक के बच्चे पढ़ते हैं। बीते रविवार को छात्रावास में बच्चों को खाने के लिए चिकन दिया गया था। इसे खाने के कुछ देर बाद एक-एक कर बच्चों को उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी। कुछ देर बाद आधा दर्जन बच्चे इसकी चपेट में आ गए। यह देख छात्रावास प्रबंधन ने सभी बच्चों को रात में ही डभरा अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया और उनके खाने के बारे में पूछताछ की। इस बीच उन्हें बताया गया कि बच्चों को खाने के लिए चिकन दिया गया था। ऐसे में बच्चों में बर्ड फ्लू की आशंका के चलते डॉक्टरों ने सभी बच्चों को बेहतर इलाज के लिए सोमवार की सुबह रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया।
सभी बच्चों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में रखकर इलाज शुरू किया गया। करीब 24 घंटे तक सघन इलाज के बाद राहत मिलने पर मंगलवार की सुबह इन सभी बच्चों को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इस संबंध में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एलके सोनी ने बताया कि इलाज के बाद अब स्थिति सामान्य है, फिलहाल इन्हें 24 घंटे निगरानी में रखा गया है। अगर इनकी तबीयत फिर से नहीं बिगड़ी तो बुधवार को इन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। उपचार के बाद अब उनकी हालत में काफी सुधार बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि खाद्य पदार्थ दूषित होने के कारण इस तरह की समस्या आई थी।
विशेषज्ञयो की राय
इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के शिशु एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एलके सोनी ने बताया कि डभरा छात्रावास से छह बच्चों को उल्टी-दस्त की शिकायत के चलते सोमवार की शाम अस्पताल लाया गया था। जहां उपचार के बाद अब वे स्वस्थ हैं। हालांकि इन सभी बच्चों की तबीयत चिकन खाने के बाद खराब हुई, लेकिन अब तक इनमें बर्ड फ्लू के कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं।
फ्लू को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर
उल्लेखनीय है कि चक्रधर नगर क्षेत्र में स्थित कुटकुट पालन केंद्र में 31 जनवरी की रात बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद इसे प्रतिबंधित क्षेत्र एवं निगरानी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। कुटकुट पालन केंद्र के आसपास एक किलोमीटर के क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है, लेकिन इस एक किलोमीटर की परिधि में आबादी है, जिसके चलते एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डोर टू डोर सर्वे कर सैंपल एकत्र करने का काम शुरू कर दिया है।
पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के अनुसार एक जनवरी को कुटकुट पालन केंद्र के अंदर स्थित आवासीय क्वार्टरों में रहने वाले कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के रक्त के नमूने जांच के लिए लिए गए हैं। 13 लोगों के नमूने लेने के बाद दूसरे दिन रविवार को एक किलोमीटर की परिधि में रहने वाले अन्य आम लोगों का डोर टू डोर सर्वे करते हुए सर्दी-खांसी से पीड़ित लोगों के रक्त के नमूने जांच के लिए लिए गए हैं। दो दिनों में 51 लोगों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।