रायपुर: घाटे का सौदा साबित हो रही दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत ट्रेन से आठ कोच कम कर दिए गए हैं. शुक्रवार को यह ट्रेन 8 कोच के साथ रवाना हुई, लेकिन तब भी कई सीटें खाली थीं. फिर रेलवे इस ट्रेन को चलाता रहेगा. इस ट्रेन से 8 कोच हटाकर दूसरे जोन में भेज दिए गए हैं. इससे यह साफ हो गया है कि यात्रियों में किसी भी ट्रेन के महंगे किराए का बोझ उठाने की क्षमता नहीं है. सफल नहीं हो सकी: ऐसे में जिस तरह रेलवे प्रशासन को बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन से 8 कोच कम करने पड़े, उसी तरह दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत ट्रेन भी ट्रैक पर सफल नहीं हो सकी. रेलवे के जानकारों का कहना है कि अगर यह ट्रेन रायपुर से प्रयागराज के बीच चलाई जाती तो ऐसी स्थिति पैदा नहीं होती.
दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत ट्रेन को लेकर रेलवे के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. क्योंकि एक तरफ जहां मुख्य रूट की ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए भीड़ उमड़ रही है. दूसरी ओर 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन को यात्री नहीं मिल रहे हैं। स्थिति यह है कि अब 8 कोच कम कर दिए गए हैं। रेलवे को दशहरा-दिवाली त्योहार के दौरान यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। त्योहार के दौरान भी ट्रेन खाली रही।
20 सितंबर से चल रही ट्रेन
दुर्ग-विशाखापट्टनम की शुरुआत पीएम मोदी ने की थी। लेकिन लोगों में अभी तक ट्रेन को लेकर उत्साह नहीं है। यह ट्रेन 20 सितंबर से नियमित समय पर चल रही है, लेकिन लोग ट्रेन में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में घाटे से बचने के लिए रेलवे बड़ा फैसला ले सकता है।