इंदौर: वाहन की नंबर प्लेट हटाकर या छिपाकर अपराध करने वाले अपराधी अब पुलिस की तीसरी आंख से बच नहीं पाएंगे। नाकाबंदी से पहले पुलिस के ई-नाके उनकी पहचान कर अफसरों को अलर्ट मैसेज जारी करेंगे। वारदात के बाद वाहन जिस रूट से गुजरेगा उसका पूरा नक्शा कुछ देर बाद अफसरों के मोबाइल पर आ जाएगा। इस हाईटेक सिस्टम के लिए शहर में खास लोकेशन पर एआई आधारित कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो अपराधियों पर नजर रखने के साथ ही उनकी लाइव लोकेशन भी पुलिस को भेजेंगे।
इसलिए शहर को हाईटेक सर्विलांस की जरूरत
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शहर में विभिन्न लोकेशन पर एआई आधारित कैमरे लगाने का प्रस्ताव बनाया गया है। करोड़ों की लागत से ये कैमरे खास तौर पर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, आरआर कैट, एयरपोर्ट समेत प्रमुख जगहों पर लगाए जाएंगे। हालांकि शहर में 500 से ज्यादा कैमरे हैं, जिन्हें भी हाईटेक सिस्टम से जोड़ा जाएगा। फिर सभी कैमरे एक ही सर्वर पर काम करेंगे।
ऐसे पकड़े जाएंगे अपराधी
हाईटेक सर्विलांस शुरू करने के लिए यूनिफाइड कमांड कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। एआई के जरिए अपराधियों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई अपराधी विजय नगर थाना क्षेत्र में अपराध करने के बाद पलासिया के रास्ते राऊ भागता है, तो सिस्टम उसे आसानी से ट्रैक कर लेगा। कैमरे जिस सर्वर से जुड़े होंगे, उस पर पूरे शहर से लाइव फीड आएगी। सिस्टम में वीडियो एनालिसिस करने की क्षमता होगी। यह इतना तेज है कि अपराध करके भागने वाले का चेहरा, उसके कपड़ों का रंग और गाड़ी की बॉडी से पूरी डिटेल निकाली जा सकेगी।
ई नाका तकनीक
ई-नाका तकनीक की मदद से पुलिस हाईटेक कैमरों के जरिए संबंधित जगहों की ई-नाकाबंदी कर सकेगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी गाड़ी के शीशे पर स्टीकर चिपका है, तो उसे वीडियो एनालिसिस के जरिए पल भर में ट्रैक कर लिया जाएगा और लाइव मॉनिटरिंग होगी।