Home राज्यछत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला: पूर्व चेयरमैन ने पेपर लीक कर अपने भतीजों को दिया, सीबीआई ने पेश की चार्जशीट

छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला: पूर्व चेयरमैन ने पेपर लीक कर अपने भतीजों को दिया, सीबीआई ने पेश की चार्जशीट

by News Desk

रायपुर: राज्य में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) प्रश्नपत्र लीक मामले में सीबीआई ने चार्जशीट पेश की है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस चार्जशीट में CGPSC कार्यालय में कार्यरत सात कर्मचारियों समेत करीब 41 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. हालांकि पांच ऐसे लोगों के बयान नहीं लिए जा सके, जो इस मामले की जांच में शामिल थे या जिनका इस अनियमितता से संबंध था. प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए मेसर्स AKD प्रिंटर्स के साथ बैठक चार्जशीट के मुताबिक जुलाई 2020 में CGPSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह और परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए रायपुर में AKD प्रिंटर्स के मेसर्स अरुण कुमार द्विवेदी के साथ बैठक की थी. इसके बाद 17 अगस्त 2020 को दोनों के बीच अनुबंध हुआ, जिसमें दो प्रश्नपत्र सेट करने का करार हुआ. इस अनुबंध के तहत मेसर्स AKD प्रिंटर्स के साथ बैठक की गई. एकेडी प्रिंटर्स ने 2020 से 2022 के बीच जनरल स्टडीज पेपर-1 और एप्टीट्यूड टेस्ट पेपर-2 के लिए 50-50 प्रश्न तैयार किए थे। इन प्रश्नों को जनवरी 2022 में रायपुर भेजा गया था, ताकि इन्हें परीक्षा के लिए फाइनल किया जा सके।

सीबीआई की चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ

सीबीआई की चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि सीजीपीएससी 2021 के प्रश्नपत्र लीक करने में तत्कालीन चेयरमैन तमन सिंह सोनवानी शामिल थे। इस साजिश में उनके सहकर्मी परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक और उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर भी शामिल थे। जांच में पता चला कि सोनवानी ने ये प्रश्नपत्र अपने भतीजे नितेश और साहिल को दिए थे, जो बाद में डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी बन गए।

क्या कहते हैं बचाव पक्ष के वकील?

इस मामले में बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि सीबीआई की चार्जशीट दिशाहीन है और इसमें कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा कि आरोपपत्र केवल आरोप लगाने के लिए तैयार किया गया था और यह मामले को बढ़ाने का प्रयास था, जबकि चयन प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी थी।

You may also like