वॉशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। इससे पहले हश मनी के मामले में न्यूयॉर्क की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराने के बावजूद कोई सजा नहीं सुनाई। जज जुआन एम. मर्चन ने यह फैसला सुनाया, जिससे ट्रंप के राजनीतिक करियर पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर उनके साथ यौन संबंधों की कथित घटना को सार्वजनिक करने से रोकने का प्रयास किया।
यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को कथित तौर पर चुप्पी बनाए रखने के लिए किए गए 130,000 डॉलर के भुगतान से संबंधित है। हालांकि, अदालत ने अभियोजन पक्ष का कहना है कि ट्रंप ने यह भुगतान अपने राष्ट्रपति अभियान को नुकसान से बचाने के लिए किया था। इसके अलावा, इस भुगतान को व्यापार रिकॉर्ड में गलत तरीके से दर्ज करने के आरोप भी उन पर लगे हैं। ट्रंप ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया है। ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस फैसले के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उनका राजनीतिक भविष्य किस दिशा में जाता है। ट्रंप के समर्थकों ने अदालत के इस फैसले को पक्षपाती और राजनीतिक हमला बताया है। वहीं, उनके आलोचकों का कहना है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं और यह फैसला न्याय की जीत है। डोनाल्ड ट्रंप का यह कानूनी संकट 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर उनकी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का अमेरिकी राजनीति और ट्रंप की चुनावी रणनीति पर क्या असर पड़ता है।
ट्रंप की कानूनी टीम ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट समेत पांच जजों की पीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। ट्रंप के वकीलों ने सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने की मांग करते हुए तर्क दिया था कि यह फैसला उनके राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की तैयारियों को प्रभावित करेगा। हालांकि, न्यूयॉर्क की अदालत ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जज मर्चन ने अपने फैसले में संकेत दिए कि ट्रंप को जेल की सजा या जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। बावजूद इसके, दोषी करार दिए जाने से ट्रंप की छवि को भारी नुकसान हुआ है। उनके वकीलों ने इसे उनके राजनीतिक करियर और आगामी चुनावों के लिए एक गंभीर झटका बताया।
आखिरकार ट्रंप को मिल ही गई राहत, कोर्ट ने दोषी बताया पर सजा नहीं सुनाई
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