Home राज्य हिसार में तापमान 2.3 डिग्री तक पहुंचा, हरियाणा में शीतलहर के साथ बारिश की संभावना

हिसार में तापमान 2.3 डिग्री तक पहुंचा, हरियाणा में शीतलहर के साथ बारिश की संभावना

by News Desk

हिसार/पानीपत। पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर ज्यादा दिख रहा है। सुबह के समय कोहरा छाने और ठंडी हवाएं चलने से रात का तापमान तेजी से नीचे आया है। प्रदेश में हिसार के बालसमंद का न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री तक पहुंच गया। यह प्रदेश में सबसे ठंडा क्षेत्र रहा।

अब आने वाले दिनों में सुबह और शाम को कोहरा छाने के साथ ही नया पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होगा। इससे वर्षा होने की संभावना रहेगी। मौसम में परिवर्तन के चलते मौसम विज्ञानियों की तरफ से रात के तापमान में गिरावट की संभावना व्यक्त की हुई है। उत्तर व उत्तर पश्चिमी हवाओं से तापमान नीचे भी गिरा है।

उसी के चलते हिसार का बालसमंद सबसे ठंडा रहा। इसके अलावा हिसार शहर का न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री तक पहुंच गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में प्रदेश में हल्की वर्षा के आसार बने हुए है।

वहीं एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 3 जनवरी से हवाओं में बदलाव जिससे उत्तर पूर्वी हवाएं चलने की संभावना से राज्य में 3 से 6 जनवरी के दौरान मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने तथा बीच बीच में आंशिक बादलवाई रहने की संभावना है।

मैदानी इलाकों में पाला जमने लगा है। सर्दी चरम पर है। इस कड़ाके की ठंड में हिसार के साउथ बाईपास रोड पर सड़क किनारे कंटीली तारों पर जमी ओस की बूंदे जैसे चमकते मोती। l गुलशन बजाज

ठंड से जनजीवन पर असर
पहाड़ों में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से मैदानी क्षेत्र ठिठुर रहे हैं। वीरवार को सिरसा का न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नारनौल में भी 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

पहाड़ों की ठंड हवा के जरिये मैदानों में उतरने से जनजीवन पर असर पड़ना शुरू हो गया है। बीते पांच दिन से धूप नहीं निकली है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 8-10 दिनों में उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ तेजी से एक के बाद एक सक्रिय होंगे।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ सफेद चादर में ढक गए हैं, उत्तर-पश्चिमी हवा मैदानी क्षेत्र में ठंड लेकर पहुंचेगी।वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर बने चक्रवाती परिसंचरण के रूप में सक्रिय है। हालांकि, इसका असर ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा।

मैदानी क्षेत्रों में बदलेगी हवा
पहाड़ों पर मौसम गतिविधि बढ़ने के कारण मैदानी क्षेत्रों में हवा का पैटर्न बदल जाएगा। पहाड़ों की ढलानों पर ठंड की स्थिति कुछ समय के लिए थम जाएगी और पूर्व से आने वाली हवाएं प्रभावी होंगी।
इससे उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में रात का तापमान बढ़ जाएगा। फिर भी, तापमान सिंगल डिजिट के आसपास रहेगा और कभी-कभी दो अंकों को छू भी सकता है।

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