Home राज्यछत्तीसगढ़ बस्तर में 2024 में अब तक 237 नक्सली ढेर, 792 ने हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटे

बस्तर में 2024 में अब तक 237 नक्सली ढेर, 792 ने हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटे

by News Desk

जगदलपुर
 छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 2024 में अब तक 237 नक्सली ढेर किए जा चुके है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि इस वर्ष मिली अभूतपूर्व सफलता के बाद जवानों का हौंसला बढ़ा हुआ है। बस्तर में नक्सलियों के लिए कोई रास्ता नहीं बच गया है। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें क्योंकि आने वाले दिनों में अभियान और भी तेज किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष बस्तर में अब तक 237 नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है जिनमें से 217 के शव पुलिस को मिले हैं। अन्य 20 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि नक्सली स्वयं कर चुके हैं। इस अवधि में 925 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है तो 792 नक्सली अपने हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौट आए हैं। इन मुठभेड़ में पुलिस को नक्सलियों के 284 हथियार पुलिस को मिले हैं जिसमें इंसास, एके-47 राइफल समेत कई बड़े हथियार हैं। इनमें से कई हथियार नक्सलियों ने पुलिस से लूटे थे।

जानिए कितने नक्सली एक साल में ढेर

इन मुठभेड़ में पुलिस को नक्सलियों के 284 हथियार पुलिस को मिले हैं, जिसमें इंसास, एके-47 राइफल समेत कई बड़े हथियार हैं। इनमें से कई हथियार नक्सलियों ने पुलिस से लूटे थे। इस वर्ष सुरक्षा बल ने सीधे नक्सलियों को निशाना बनाकर अभियान चलाया। बीते चार दशक में एक वर्ष के भीतर सर्वाधिक 124 बार पुलिस व नक्सलियों के बीच आमना-सामना हुआ। इन मुठभेड़ों में नौ करोड़ 24 लाख रुपये के इनामी शीर्ष नक्सलियों को ढेर किया गया है। इनमें 25 लाख रुपये के इनामी शीर्ष नक्सली रणधीर, नीति, रुपेश उर्फ कोलू जोगन्ना शामिल थे।

28 नए कैंप सीधे नक्सलियों के गढ़ में

प्रदेश में इस वर्ष 28 नवीन सुरक्षा कैंप सीधे नक्सलियों के गढ़ में खोले गए हैं। विगत माहभर में ही लगभग दस नए कैंप नक्सलियों के आधार क्षेत्र तेलंगाना राज्य सीमा से सटे दक्षिण व पश्चिम बस्तर क्षेत्र में खोले गए हैं। इसी तरह अबूझमाड़ में भी सुरक्षा कैंपों की दीवार खड़ी कर दी गई है। आईजीपी सुंदरराज पी. ने कहा कि इस वर्ष मिली सफलता के बाद जवानों का हौसला बढ़ा हुआ है। बस्तर में नक्सलियों के लिए कोई रास्ता नहीं बच गया है। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है।

अबूझमाड़ में 130 नक्सली हुए ढेर

अबूझमाड़ में पिछले एक साल यानि 2024 में सुरक्षाबलों और पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 130 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली है, वहीं पूवर्ती गांव जो नक्सली कमांडर हिडमा का गांव था वहां भी पुलिस ने कैंप खोला है, अबूझमाड़ इलाके में कुल सात नए पुलिस कैंप खोले गए हैं, जहां पहले पगडंडियों के सहारे जाना मुश्किल होता था वहां पर अब चार पहिया गाड़ियां दौड़ती नजर आ रही है, नियद नेल्लानार योजना के तहत गांवों में विकास के कार्य कर दशकों से मूलभूत सुविधाओं से नक्सली दहशत के चलते महरूम रहने वाले ग्रामीणों के लिए सुविधाओं का विस्तार भी तेजी से होने लगा है. वहीं सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर पिछले पांच साल में जितने नक्सलियों ने सरेंडर किया था, उतने नक्सली एक साल में सरेंडर कर समाज की मुख्यधारा में वापस लौट आए है. जो अबूझमाड़ में सफलता की कहानी कहता नजर आता है.

अबूझमाड़ में बनी पक्की सड़कें

2024 की शुरुआत में अबूझमाड़ से नारायणपुर जिला मुख्यालय तक जाने के लिए सड़क मार्ग सोनपुर, कोहकामेटा और आंकाबेड़ा तक ही सीमित था, लेकिन 2024 में नक्सलियों के खिलाफ शुरु हुए अभियान के बाद यहां की स्थिति बदली है. नक्सलियों के खिलाफ प्रहार की रणनीति में बदलाव आने के साथ ही नक्सलियों के आधार इलाके में पुलिस बेस कैंप स्थापित करने के साथ ही सड़को का निर्माण कार्य भी तेजी से होने लगा. एक साल के अंदर अबूझमाड़ के घोर नक्सल प्रभावित घने जंगलों से घिरे कस्तूरमेटा, मोहंदी, इरकभट्टी, कच्चापाल, मसपूर, होरादी और गारपा तक पुलिस ने पहुंच कर पुलिस कैंप खोलने के साथ ही इन इलाकों तक सड़को का निर्माण कार्य नियद नेल्लानार योजना के तहत तेजी से कराया जहां चार दशकों से लोग नक्सलियों के दहशत के साए में जीवन जीने को मजबूर हुआ करते थे, वहां पुलिस ने उन्हें अपनी अभिव्यक्ति की आजादी दिलाई है.

2025 में 6 नए थाने बनाने की योजना

2025 के साल में नारायणपुर पुलिस अबूझमाड़ में 6 नए थाने का विस्तार करने वाली हैं, जिसमे गारपा और कस्तूरमेटा में पुलिस ने अपने कैंप स्थापित कर दिए है, जिन्हें थाने का दर्जा मिलेगा वहीं फारसबेडा, तोके, कुतुल और गोमागल में थाना खोलना है जो बताता है कि अब नारायणपुर पुलिस नक्सलियों के कोर इलाके में घुसने की 2025 में योजना बना चुकी है. आने वाला साल अबूझमाड़ में एक नया इतिहास फिर लिखता नजर आएगा. क्योंकि 2024 में अबूझमाड़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़े आपरेशन करने की रणनीति में बदलाव करते हुए नारायणपुर पुलिस ने अबूझमाड़ से लगे कोंडागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर और बीजापुर जिले की पुलिस के साथ मिलकर नक्सलियों के आधार इलाके में आपरेशन लांच किया है. पुलिस की रणनीति में आए बदलाव का एक बड़ा असर नक्सलियों के कोर इलाके अबूझमाड़ में देखने को मिला. 2024  में नारायणपुर पुलिस अन्य जिलों के साथ मिलकर 130 नक्सलियों को अबूझमाड़ में मार गिराने में सफलता हासिल किया. 130 नक्सलियों को उन इलाको में जाकर पुलिस के जवानों ने मारा जहां कभी फोर्स नहीं पहुंच पाई थी और उन इलाकों को नक्सलियों ने अपना ठिकाना बना दिया लिया था, लेकिन अब यहां से नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदला है.

नक्सलियों के गढ़ से नाम से जाने जाने वाले अबूझमाड़ और वहां रहने वाले ग्रामीणों के लिए 2024 का साल बड़े बदलाव लेकर आया जहा लोगों को नक्सलियों के दहशत और भय के साए में जीवन जीने से आजादी मिली, वही इन इलाकों में नियद नेल्लानार योजना के तहत विकास के रास्ते के निर्माण की नई बयार लिखी गई, अब इन रास्तों से विकास से महरूम रहने वाले ग्रामीणों को दशकों बाद 2025 के नए साल में विकास की किरण की सौगात मिलेगी. यह जानकारी नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार की तरफ से मिली है. 

 

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