भोपाल। जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता संवर्धन और जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर व आधुनिक पद्धति की शिक्षा व्यवस्था के लिये सरकार पूरी शिद्दत से प्रयास कर रही है। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में 94 आधुनिक सीएम राईज स्कूल खोलने का निर्णय लेकर सरकार ने काम भी प्रारंभ कर दिया है।
मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि वर्तमान में 19 जनजातीय जिलों में सीएम राईज स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों को उनकी विद्यार्थी दर्ज संख्या के आधार पर 6 मॉडल्स में वर्गीकृत किया गया है। सी.एम. राईज स्कूलों में हर विद्यालय में अकादमिक के 62 पद एक सह-अकादमिक के 23 पद सृजित किये गये हैं। सपोर्ट स्टाफ के 6 पद तथा आउटसोर्स पर 8 पद मंजूर किये हैं। सी.एम. राईज विद्यालयों में प्रति विद्यालय औसतन 100 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान स्वीकृत पद 42 तथा आवश्यक पद 58 हैं।
वर्तमान में जनजातीय क्षेत्रों में निर्माणाधीन 94 सीएम राईज स्कूलों में से 36 सीएम राईज स्कूलों का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। इन्हें मार्च 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। निर्माणाधीन 19 कन्या शिक्षा परिसरों में से 3 कन्या शिक्षा परिसरों को मार्च 2025 तक कार्यालय को हस्तांतरित करने का लक्ष्य है। सीएम राईज स्कूलों के लिये कुल बजट प्रावधान (राजस्व मद) 64.96 करोड़ रूपये है। इसमें से 51.97 करोड़ रूपये प्राप्त हो चुके हैं और 15.46 करोड़ रूपये अब तक व्यय भी किये जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 205 सीएम राइज़ स्कूलों की मंजूरी का प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रचलित है।
उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में सर्व-सुविधायुक्त वातावरण के साथ विद्यार्थियों को रोचक एवं आनंददायक शिक्षा देने के लिये सरकार ने सीएम राईज स्कूल्स की स्थापना की है। पहले चरण में प्रारंभ किये गये सीएम राईज स्कूलों में से 94 जनजातीय बहुल क्षेत्रों में स्थित हैं। आगामी 10 सालों में प्रदेश में 9 हजार 200 सीएम राईज स्कूल्स शुरू करने की सरकार की योजना है।
सीएम राईज स्कूलों में दूर-दराज से आने वाले विद्यार्थियों को सुविधा देने की मंशा से परिवहन की व्यवस्था भी की जा रही है। इससे स्कूल के आसपास के क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। सीएम राईज स्कूलों के प्राचार्यों को भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर में विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया है।
योजना का प्रमुख उद्देश्य नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के एकीकृत विद्यालयों के जरिये बच्चों की प्रवेश दर बढाकर ड्रॉप-आउट दर कम करना तथा विद्यालयों को आधुनिक उपकरणों और तकनीक से लैस करना है। बच्चों के समग्र विकास के लिये खेलकूद, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों के लिये इन बडे़ विद्यालयों में वातावरण निर्माण करना तथा नर्सरी से 12वीं कक्षा तक हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं संचालित करना भी इन स्कूलों का अहम उद्देश्य है।
सीएम राईज स्कूलों में आधुनिक तरीके से पढ़ रहे हैं जनजातीय विद्यार्थी
15