Home राजनीती राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मिले राहुल गांधी

राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मिले राहुल गांधी

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर के दौरे पर हैं। मणिपुर पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी के दौरे से पहले जिरिबाम क्षेत्र में सोमवार की सुबह अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। सुबह के साढ़े तीन बजे अज्ञात लोगों ने इलाके में गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी मैतेई इलाके में की गई। गोलीबारी की जानकारी पाकर सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे। सुबह के सात बजे तक सुरक्षाकर्मियों और बंदूकधारियों के बीच गोलीबारी जारी रही। एहतियात के तौर पर आसपास के इलाकों में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया। बता दें कि मणिपुर में पिछले एक साल से जातीय हिंसा जारी है। राहुल गांधी के राहत शिविर में लोगों से मुलाकात को लेकर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष देबब्रत ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "जिरिबाम में हाल ही में हुए हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलने के लिए राहुल गांधी यहां आए। पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर में स्थिति सामान्य हो गई है। सब ने इसे मान लिया। लेकिन तथ्य यह है कि राहत शिविरों के पीड़ितों ने अपनी कहानियां सुनाईं। उन्होंने बताया कि उनका सबकुछ तबाह हो चुका है। सरकार की तरफ से कुछ भी नहीं किया गया। राहुल गांधी ने पीड़ितों से उनकी कहानी सुनी।" जिरिबाम में पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी इंफाल एयरपोर्ट पहुंचे। शाम में वह राज्यपाल से मिलेंगे। जिरिबाम में पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी चुराचांदपुर जिले में तुइबोंग के मंडप पहुंचे। यहां उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी तीसरी बार मणिपुर का दौरा कर रहे हैं। राज्य में पिछले साल जातीय हिंसा शुरू होने के बाद जून 2023 में वह मणिपुर आए थे और इस साल की शुरुआत में उन्होंने भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत भी इसी राज्य से की थी। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
 

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